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2016 मे कल्पित, 2021 में स्थापित

हिमालयन एडवोकेसी सेंटर एक जनहित पर्यावरण कानून संगठन है।अक्टूबर, 2022 में संगठन को 'हिमालयन एडवोकेसी चैंबर्स' के रूप में पंजीकृत किया गया था, जो एक गैर-लाभकारी संस्था है।

 

यह सेंटर भारत के कानूनी वातावरण में तीन महत्वपूर्ण अंतरालों को भरने के लिए बनाया गया है। ये अंतराल हिंदू कुश हिमालयी क्षेत्र में भी मौजूद हैं।

 

सबसे पहले, कानूनी प्रथा महानगरीय शहर में अत्यधिक केंद्रित है, भले ही वह सार्वजनिक हित की प्रकृति में हो।

दूसरा, वकील अन्य विषयों के साथ सहयोगी नहीं हैं (जैसे सामाजिक विज्ञान)। यह हाथ में गंभीर समस्याओं के बावजूद है, जो अधिक समग्र कार्य की मांग करते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदू कुश हिमालयी क्षेत्र को समर्पित कोई सहयोगी जमीनी कानूनी वकालत संगठन नहीं है।

 

भारत के समृद्ध लोकतंत्र और आज हिमालय के सामने जो बड़ा खतरा है, उसे देखते हुए ये तीनों बेहद महत्वपूर्ण हैं।

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